रांची. झारखंड विधानसभा की 81 सीटों में से एक बहरागोड़ा से इस बार कुणाल षाड़ंगी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार कुणाल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी को करीब 15 हजार वोट से हराकर 29 वर्ष की उम्र में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। कुणाल के पिता दिनेश षाड़ंगी भी भाजपा नेता रहे हैं। उन्होंने दो दशक से बहरागोड़ा सीट पर जमे सीपीआई के देवीपद उपाध्याय को हराया था। इसके बाद वे 2005 में भी विधायक बने। 2011 में उन्होंने भाजपा छोड़कर झाविमो ज्वाइन किया था। इसके बाद 2014 में वे वापस भाजपा में आ गए। फिलहाल, वे राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। कुणाल षाड़ंगी अब उनकी राजनीतिक विरासत को संभाल रहे हैं।
बहरागोड़ा सीट का इतिहास
बहरागोड़ा विधानसभा सीट जमशेदपुर लोकसभा के अंतर्गत आती है। पहले बहरागोड़ा व घाटशिला दोनों एक ही विधानसभा क्षेत्र था। 1967 में घाटशिला से अलग होकर बहरागोड़ा विधानसभा सीट बना। पहली बार 1967 में यहां विधानसभा चुनाव हुआ। शिबू रंजन पहली बार विधायक बने। इसके बाद शिबू 1969, 1972 में चुनाव जीते। फिर 1977 के विधानसभा चुनाव में यहां से विश्नपद घोष जीते। फिर 1980 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई के देवीपद उपाध्याय विधायक बने। देवीपद उपाध्याय इसके बाद 1985, 1990 और 1995 के विधानसभा चुनाव में भी विधायक बने। इसके बाद 2000 व 2005 में भाजपा के टिकट पर डॉक्टर दिनेश षाड़ंगी विधायक बने व स्वास्थ्य मंत्री बने। 2009 में डॉ षाड़ंगी को झामुमो प्रत्याशी विद्युत वरण महतो ने हराया दिया। 2014 में डॉ दिनेश षाड़ंगी के बेटे कुणाल षाड़ंगी झामुमो के टिकट पर यहां से विधायक बने।
यूके से की है एमबीए की पढ़ाई
कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा बहरागोड़ा के सरकारी स्कूलों से की. बाद में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), जमशेदपुर से स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट स्कूल (एलयूएमएस) से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। कुणाल ब्रिटिश युवा आयोग द्वारा 2016 में ग्रेट ब्रिटेन के अध्ययन दौरे के लिए चुने गए। 12 युवा भारतीय राजनीतिक नेताओं में से एक थे।
चाइल्ड मैरेज फ्री और टीबी फ्री अभियान चलाते हैं
कुणाल पिछले साल अक्तूबर में अमेरिका सरकार के सबसे बड़े प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में एक इंटरनेशनल विजटरर्स लीडरशिप प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व करने गए थे। टीम में भारत के आठ युवा राजनीतिज्ञ थे। इनमें कुणाल झारखंड से शामिल थे। इस कार्यक्रम में भाग लेनेवाले कुणाल झारखंड के पहले राजनीतिज्ञ भी हैं। कुणाल यूनिसेफ के साथ मिलकर बहरागोड़ा में चाईल्ड मैरेज फ्री और यूसेड के साथ मिलकर टीबी फ्री अभियान चलाते हैं।